नागपंचमी क्यों मनाया जाता है

दोस्तो भारत एक ऐसा देश है जहां परंपराएं और रिवाज़ की कोई सीमा नहीं है साथ हीं इसके भारत में धार्मिक आस्थाएं भारत के लोगों के जीवन का एक प्रमुख हिस्सा है। इन्हीं परम्पराओं में एक महत्वपूर्ण त्यौहार नागपंचमी भी है। नागपंचमी पारंपरिक एक हिंदू त्यौहार है जो सांपों की पूजा के लिए प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है यह त्योहार श्रावण मास के पंचम तिथि को मनाया जाता है इस त्यौहार पर लोग सांपों की पूजा करते है , और उन्हें दूध और अनाज चढ़ाते है, और उनकी रक्षा के लिए प्रार्थना करते है। यह त्यौहार सांपों के प्रति सम्मान और उनकी महत्ता को दर्शाता है।

यह त्यौहार विशेष रूप से उत्तर भारत के राज्यों जैसे महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, उत्तर प्रदेश, और बंगाल जैसे राज्यों में मनाया जाता है। नागपंचमी मानने के पीछे कई सारे पौराणिक कथाएं प्रचलित है जिनमें से कुछ कथाएं निम्न है–

  1. महाभारत और आस्तिक मुनि की कथा

यह नागपंचमी से जुड़ा सबसे प्रसिद्ध कथा है।

माना जाता है कि राजा परीक्षित की मृत्यु तक्षक नामक नाग के काटने से हुई थी। इससे क्रोधित होकर उनके पुत्र जनमेजय ने सारे नागवंशो को समाप्त करने के लिए सर्प यज्ञ का आयोजन किया। जब यज्ञ अत्यंत शक्तिशाली हो गया तो धीरे– धीरे सारे सर्पों के साथ तक्षक न नाग भी उसमें खींचने लगा, तब आस्तिक मुनि जो एक ब्राह्मण और नाग माता के संतान थे, वहां पहुंचे और और यज्ञ रोकने की विनती की। जनमेजय ने उन्हें वचन दिया था कि वे जो वर मांगेंगे उन्हें वह देंगे।

आस्तिक मुनि ने यज्ञ रोकने का वचन मागा, जिससे नागों की जान बच पाई। इसके साथ भी नागपंचमी मानने का कई सारे पौराणिक और लोककथाएं है। जिनमें से भगवान श्रीकृष्ण और कलिया नाग की कथा है भगवान श्रीकृष्ण के और कलिया नाग की कथा बहुत ही प्रेरणादायक है। भगवान श्रीकृष्ण ने कलिया नाग को पराजित करके उसके सिर पर नृत्य किया, लेकिन बाद में कलिया नाग को क्षमा कर दी और यमुना नदी छोड़कर जाने को कहा। यह कथा हमें यह सीखती है कि दुश्मनों को हमे माफ कर देना चाहिए।

नाग पंचमी में हल क्यों नहीं चलाया जाता है?

नाग पंचमी में हल न चलाने का धार्मिक कारण यह है कि

  • नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। यह दिन नागों के प्रति श्रद्धा और आभार व्यक्त करने का दिन है।
  • हल चलना भूमि को विचलित करना माना जाता है, और भूमि में रहने वाले नाग देवता को कष्ट महसूस होता है। इससे नागों का अपमान समझा जाता है जिससे वे क्रोध में आने की आशंका होती है।

लोक परंपरा

ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का मानना है कि अगर नागपंचमी के दिन हल चलाया जाएगा तो फसल खराब हो सकती है या सांपों का प्रकोप पड़ सकता है परिवार में रोग या सकंट आ सकता है। इस लिए इस दिन हल चलाने से लोग बचते है।

पौराणिक आस्था

माना जाता है कि नाग पंचमी के दिन धरती पर नाग देवता विचरण करते है, अगर हल चलाया जाए तो वह धरती को छेदता है, जिससे नाग देवता को चोट पहुंच सकती है।

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